नफरत और प्यार: बदले की आग से शुरू हुई एक अनोखी लव स्टोरी

मेरा नाम मीरा है। मैं अपने बड़े भाई रोहन की लाडली छोटी बहन थी। उस उम्र में, जब ज़िंदगी एक लापरवाह कविता-सी लगती है, मेरा चुलबुलापन और बेफिक्र हँसी मेरी पहचान थी। माँ अक्सर मेरे इस बिंदास अंदाज़ को लेकर चिंतित रहती थीं, लेकिन मुझे क्या पता था कि मेरी यह हँसी किसी के लिए एक तूफान बनने वाली थी। यह एक नफरत और प्यार की ऐसी कहानी थी जिसने मेरी दुनिया बदल दी।”

वो अजनबी नज़रें और एक खतरनाक पीछा

पिछले कुछ हफ्तों से, मुझे एक लक्ज़री कार का पीछा करते हुए एहसास हो रहा था। कॉलेज के बाहर, कैंटीन के कोने से, हर जगह वही कार और उसमें बैठा एक नौजवान—कबीर। वो आकर्षक था, लेकिन उसकी आँखों में एक अजीब उदासी और गुस्सा था, जो मुझे बार-बार घूरता। मैं इसे नज़रअंदाज़ करती थी, क्योंकि कॉलेज में सब जानते थे कि कबीर की एक खूबसूरत और स्टाइलिश गर्लफ्रेंड, रिया, है। मैं सोचती थी कि वो शायद एक घमंडी अमीरज़ादा होगा।नफरत और प्यार लेकिन मुझे नहीं पता था कि वो मेरे लिए एक खतरनाक जाल बुन रहा था।

जाल में फँसने का वो दिन

एक दिन, जब पापा शहर से बाहर थे, मैं अपनी स्कूटी से कॉलेज जा रही थी। वही कार फिर मेरे पीछे थी। घबराहट में मैंने गलत मोड़ लिया और एक सुनसान सड़क पर पहुँच गई। अचानक मेरी स्कूटी खराब हो गई। मैं अकेली, वीरान सड़क पर कांप रही थी, तभी वो कार मेरे पास रुकी। कबीर उतरा और सख्त आवाज़ में बोला, “बैठ जाओ।” मैंने मना किया, लेकिन उसने मेरी स्कूटी की चाबी छीन ली। डरते-डरते मैं उसकी गाड़ी में बैठ गई। उसने कार को शहर से बाहर, एक सुनसान फार्महाउस की ओर मोड़ दिया। मेरे दिल में डर का तूफान उठ रहा था। “तुम मुझे यहाँ क्यों लाए हो?” मैंने पूछा। उसकी मुस्कान में ज़हर था। “तुम किडनैप हो चुकी हो,” उसने कहा।

नफरत का सच और टूटी तस्वीरें

मैं सन्न रह गई। “मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है?” मैंने कांपते हुए पूछा। कबीर की आवाज़ में सालों का दबा हुआ दर्द उभर आया। “तुमने नहीं, तुम्हारे होने ने मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी।” उसने मुझे धक्का देकर बिस्तर पर पटक दिया। नफरत और प्यार मैंने पूरी ताकत से उसका विरोध किया, लेकिन उसकी नफरत मेरी ताकत पर भारी थी। मेरे आँसुओं को देखकर वो एक पल के लिए रुका। मैंने कमरे में सुराग ढूँढने की कोशिश की और मेरी नज़र एक फोटो फ्रेम पर पड़ी, जिसमें कबीर और रिया हँस रहे थे। मैंने कहा, “रिया के बारे में सोचो, उसे क्या लगेगा?” कबीर ने गुस्से में उस फ्रेम को तोड़ दिया और चीखा, “वो सब दिखावा है!”

फिर उसने एक पुरानी तस्वीर निकाली, जिसमें एक मासूम लड़की मुस्कुरा रही थी। “ये थी मेरी ज़िंदगी,” उसकी आवाज़ भर्रा गई। “मेरी बड़ी बहन, अनन्या।”

भाई का गुनाह, मेरी सजा

कबीर ने बताया कि अनन्या उसकी बड़ी बहन थी, जो अब इस दुनिया में नहीं थी। उसने मेरे भाई रोहन पर इल्ज़ाम लगाया कि उसने अनन्या को धोखा दिया, उसे प्रेग्नेंट किया, और शादी से इनकार कर दिया। अनन्या ने शर्मिंदगी में अपनी जान ले ली। यह सुनकर मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक गई। कबीर का बदला मेरे भाई से था, लेकिन सजा मुझे मिल रही थी। मैंने उससे कहा, “अगर तुम्हारी नफरत मेरे बलिदान से मिट सकती है, तो मैं तैयार हूँ।” मेरी इस बात ने उसे हिला दिया। उसकी हरकतों में नफरत थी, लेकिन कहीं न कहीं एक टूटा हुआ इंसान भी था।

सुबह की नई शुरुआत

सुबह मैं टूटी हुई थी। कबीर ने मुझे घर छोड़ने का फैसला किया। घर पहुँचते ही माहौल तनावपूर्ण था। रोहन गुस्से में मुझ पर चिल्लाया, लेकिन कबीर ने उसे रोककर सबके सामने सच उजागर कर दिया। मैंने माँ-पापा को बताया कि मैंने अपनी मर्ज़ी से कबीर को सब कुछ सौंप दिया था, क्योंकि मैं उसके दर्द को समझ चुकी थी। मैंने कहा, “मैं कबीर से प्यार करने लगी हूँ।” कबीर ने भी मेरे हाथ को थामते हुए कहा, “मीरा, मैं तुम्हें कभी दुख नहीं दूँगा।”

मैंने रोहन की आँखों में देखकर कहा, “तुमने कबीर की बहन छीनी थी। अब वो तुम्हारी बहन से शादी करेगा।” यह कहकर हम दोनों घर से बाहर निकल गए, एक नई शुरुआत की ओर।

कहानी से सीख

नफरत का ज़ख्म गहरा होता है, और बदले की आग सब कुछ जला देती है। लेकिन प्यार में वो ताकत है जो इस आग को बुझा सकती है। यह कहानी बदले की नहीं, बल्कि दो टूटे दिलों की है, जिन्होंने एक-दूसरे के दर्द में प्यार ढूँढ लिया। ज़िंदगी कभी-कभी गलत रास्तों से सही मंज़िल तक ले जाती है।
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