शादी में पहली मुलाकात

संजय, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर, अपने बचपन के दोस्त रोहन की शादी में शामिल होने दिल्ली से नोएडा गया था। शादी का माहौल जोश और रौनक से भरा था। मेहंदी की खुशबू, ढोल की थाप, और रंग-बिरंगी लाइट्स ने माहौल को और खूबसूरत बना रखा था। संजय दोस्तों के साथ हँसी-मजाक कर रहा था, तभी उसकी नजर एक लड़की पर पड़ी। वह साड़ी में ऐसी लग रही थी मानो कोई अप्सरा उतर आई हो। उसकी नीली आँखें झील की तरह गहरी थीं, और उसके लंबे, घने बाल हवा में लहरा रहे थे। संजय की नजरें उससे हट ही नहीं रही थीं।
वह उससे बात करने की सोच ही रहा था कि भीड़ में धक्का-मुक्की हुई, और वह लड़की कहीं गायब हो गई। संजय ने उसे ढूंढने की बहुत कोशिश की, यहाँ-वहाँ भटका, लेकिन वह नहीं मिली। निराश होकर वह शादी से घर लौटने लगा। रास्ते में उसका मन उसी लड़की के खयालों में डूबा रहा। वह सोचने लगा, “यार, ऐसी लड़की तो मैंने पहले कभी नहीं देखी। उसकी आँखें, वो मुस्कान… क्या बात थी!”
रात में अनपेक्षित टक्कर
रात के करीब 11 बजे, संजय पैदल ही अपने दोस्त के घर से मेट्रो स्टेशन की ओर जा रहा था।

अंधेरे में वह अपने विचारों में खोया था कि तभी एक लड़की तेजी से भागते हुए उससे टकरा गई। दोनों जमीन पर गिर पड़े। लड़की ने जल्दी से उठकर कहा, “सॉरी, सॉरी! मैं जल्दी में थी, आप ठीक तो हैं?” संजय ने हँसते हुए जवाब दिया, “हाँ, मैं बिल्कुल ठीक हूँ। लेकिन आप इतनी रात को इतनी जल्दी में कहाँ भाग रही हैं?”
तभी पास से एक कार की हेडलाइट की रोशनी पड़ी, और संजय ने उस लड़की का चेहरा देखा। यह वही लड़की थी, जिसे वह शादी में देखकर मंत्रमुग्ध हो गया था! उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। लड़की ने जल्दी से कहा, “मुझे सचमुच जाना होगा, सॉरी!” और वह फिर से गायब हो गई। संजय ने खुद को कोसा, “क्या यार, फिर से मौका चूक गया! कम से कम नाम तो पूछ लेता!”
प्रीति से मुलाकात का कारण
अगले दिन, संजय अपने ऑफिस के लिए निकला। वह नोएडा के एक बड़े टेक पार्क में काम करता था। ऑफिस के कैंटीन में कॉफी लेते वक्त उसे एक परिचित आवाज सुनाई दी। पीछे मुड़कर देखा तो वही लड़की सामने खड़ी थी, अपने दोस्तों के साथ हँसते-बोलते हुए। संजय ने हिम्मत जुटाई और पास जाकर बोला, “हाय, क्या आप वही हैं, जो कल रात मुझसे टकराई थीं?”
लड़की ने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, और आप वही हैं जो शादी में मुझे ताक रहे थे!” दोनों हँस पड़े। उसने अपना परिचय दिया, “हाय, मैं प्रीति। मैं यहाँ एक स्टार्टअप में डिजाइनर हूँ।” संजय ने भी अपना परिचय दिया। बातों-बातों में पता चला कि प्रीति उसी शादी में अपनी कजिन की तरफ से आई थी। वह जल्दी में थी क्योंकि उसकी कजिन की चूड़ियाँ टूट गई थीं, और वह बाजार से नई चूड़ियाँ लाने भाग रही थीं। रात को टकराने का कारण भी यही था—वह अपनी कजिन को चूड़ियाँ देने के बाद जल्दी में घर लौट रही थी, क्योंकि उसकी फ्लैटमेट अकेली थी।
प्रीति की एक खास आदत थी—वह बात करते वक्त बार-बार पलकें झपकाती थी। यह आदत उसे और भी आकर्षक बनाती थी, लेकिन कभी-कभी गलतफहमियाँ भी पैदा कर देती थी। संजय को उसकी यह आदत बहुत प्यारी लगी।
प्यार की शुरुआत और मुश्किलें
संजय और प्रीति की दोस्ती धीरे-धीरे गहरी होने लगी। वे ऑफिस के बाद कॉफी डेट्स पर जाते, वीकेंड पर मूवीज देखते, और एक-दूसरे के साथ हँसी-मजाक करते। लेकिन उनके प्यार की राह आसान नहीं थी। प्रीति के अतीत में एक जहरीला रिलेशनशिप था, जिसके बाद वह किसी पर भरोसा करने से डरती थी। वह संजय को पसंद करती थी, लेकिन अपने दिल को खोलने में हिचकति थी। दूसरी ओर, संजय को अपनी भावनाओं को शब्दों में बयान करने में दिक्कत होती थी। वह प्रीति से प्यार करता था, लेकिन यह कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।
इसके अलावा, प्रीति की पलकें झपकाने की आदत कई बार गलतफहमियाँ पैदा कर देती थी। एक बार ऑफिस में एक सहकर्मी ने सोचा कि प्रीति उसे इशारा कर रही है, जिससे गलतफहमी हो गई। संजय ने स्थिति को संभाला, लेकिन उसे लगा कि प्रीति की यह आदत उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
प्रीति के घर अनजान व्यक्ति का आगमन
एक दिन, संजय को प्रीति का फोन आया। वह घबराई हुई थी और बोली, “संजय, मेरे घर कोई अनजान आदमी आया है। प्लीज, जल्दी आओ!” संजय तुरंत पुलिस के साथ प्रीति के फ्लैट पहुँच गया।
पता चला कि वह आदमी, रक्षित, प्रीति के पुराने रिलेशनशिप से जुड़ा था। रक्षित एक जुनूनी इंसान था, जो प्रीति को छोड़ने के बाद भी उसे परेशान करता रहता था। उस दिन वह प्रीति के घर इसलिए आया था क्योंकि उसे गलतफहमी हो गई थी कि प्रीति उसे वापस बुला रही है। दरअसल, कुछ हफ्ते पहले प्रीति ने अपनी कजिन की शादी में रक्षित को देखा था। वहाँ उसने रक्षित से बात करने से बचने के लिए अपनी पलकें झपकाई थीं, लेकिन रक्षित ने इसे गलत समझा और सोचा कि प्रीति उसे इशारा कर रही है।
रक्षित ने प्रीति के घर पर जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया और दरवाजा खटखटाते हुए अंदर आने की कोशिश की। प्रीति ने डर के मारे उसे धक्का देकर गिरा दिया और अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लिया। रक्षित बाहर से गाली-गलौज करता रहा और दरवाजा तोड़ने की कोशिश करने लगा। प्रीति ने तुरंत संजय को फोन किया।
संजय के आने पर प्रीति ने रक्षित को दो थप्पड़ जड़े और बोली, “तू मेरी जिंदगी से हमेशा के लिए चला जा!” पुलिस ने रक्षित को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना ने प्रीति को बहुत डरा दिया, लेकिन संजय के साथ ने उसे हिम्मत दी।
प्यार का इजहार और मुकाम
इस घटना के बाद, संजय और प्रीति और करीब आए गए। एक शाम, दोनों नोएडा के एक शांत पार्क में बैठे थे।

संजय ने हिम्मत जुटाई और बोला, “प्रीति, मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ। मैं तुम्हारे बिना अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता।” प्रीति की आँखें नम हो गईं। उसने कहा, “संजय, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। लेकिन मुझे डर था कि मेरा अतीत हमारे बीच आ जाएगा। तुमने मुझे दिखाया कि सच्चा प्यार क्या होता है।”
दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया। प्रीति ने धीरे-धीरे अपने अतीत के डर को पीछे छोड़ दिया, और संजय ने उसे हर कदम पर साथ दिया। प्रीति ने अपनी पलकें झपकाने की आदत को भी नियंत्रित करना शुरू कर दिया, क्योंकि वह समझ गई थी कि यह गलतफहमियाँ पैदा कर सकती है।प्यार की जीत
एक नई शुरुआत और सीख
संजय और प्रीति ने अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरू किया। वे एक-दूसरे के साथ खुशहाल जिंदगी बिताने लगे। प्रीति अब एक कॉन्फिडेंट डिजाइनर बन चुकी थी, और संजय उसका सबसे बड़ा सपोर्टर था। उनकी कहानी एक मिसाल बन गई कि प्यार में धैर्य, समझदारी, और एक-दूसरे का साथ कितना जरूरी है।
इस कहानी से सीख
- सच्चा प्यार मुश्किलों से डरता नहीं: संजय और प्रीति ने एक-दूसरे का साथ हर मुश्किल में दिया। प्यार में विश्वास और समर्थन सबसे जरूरी है।
- अतीत को पीछे छोड़ें: प्रीति ने अपने जहरीले अतीत को पीछे छोड़कर नई शुरुआत की। हमें भी अपने डर और पुराने जख्मों को छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए।
- गलतफहमियों से बचें: प्रीति की पलकें झपकाने की आदत ने कई बार मुश्किलें खड़ी कीं। हमें अपने व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए ताकि दूसरों को गलत संदेश न जाए।
- खुद को बेहतर बनाएँ: प्रीति ने अपनी आदत को सुधारा, और संजय ने उसे बिना जज किए सपोर्ट किया। हमें अपनी कमियों को स्वीकार कर उन्हें सुधारने की कोशिश करनी चाहिए।
तो दोस्तों, क्या आपके पास भी ऐसी कोई प्रेम कहानी है? या कोई ऐसी आदत जो गलतफहमियाँ पैदा करती हो? अपनी कहानियाँ हमारे साथ शेयर करें, और संजय और प्रीति की इस कहानी से प्रेरणा लें। प्यार्म में धैर्य और जिंदगी में हिम्मत, यही है असली जीत का रास्ता!