नमस्कार दोस्तों!
मेरा ब्लॉग हमेशा से उन कहानियों का मंच रहा है जो जीवन की सच्चाइयों, रहस्यों और सबकों से भरी होती हैं। आज मैं आपके लिए एक ऐसी कहानी लेकर आया हूं जो आपको रोंगटे खड़े कर देगी। यह कहानी प्यार, धोखे, बदले और पाप की सजा की है। क्या आपने कभी सोचा है कि शादी की पहली रात, जो खुशियों से भरी होनी चाहिए, एक भयानक रहस्य में बदल सकती है? चलिए, इस कहानी में डूबते हैं। मैंने इसे “रघु की दुल्हन का राज” नाम दिया है। यह किस्सा काल्पनिक लग सकता है, लेकिन इसमें जीवन की कड़वी सच्चाइयां छिपी हैं।
खुशहाल परिवार की शुरुआत
मेरा नाम रघु है। मैं एक बड़े संयुक्त परिवार का इकलौता बेटा था। हमारा घर प्यार और एकता की मिसाल था। मेरे पिता के चार भाई साथ रहते थे, और हर कोई एक-दूसरे की मदद करता। लेकिन हर बगीचे में कुछ कांटे होते हैं – मेरी मां का सख्त स्वभाव और मेरी चाची की ईर्ष्या। मेरे पिता ने मुझे सिखाया था कि पत्नी की खुशी में ही पुरुष की सफलता छिपी है। मैंने भी वही सपना देखा – अपनी पत्नी को रानी की तरह रखूंगा।

आखिरकार, मेरी शादी नीना से तय हुई। ससुराल वालों ने बताया कि वह मासूम है, लेकिन डिप्रेशन की शिकार रही है। मैंने मन में ठान लिया कि उसे कभी अकेला नहीं छोड़ूंगा। शादी की रात, बारात के बाद मैं कमरे में दाखिल हुआ। नीना परी जैसी लग रही थी। उसकी मुस्कुराहट ने मेरा दिल जीत लिया। लेकिन उसने कहा, “मैं पूजा करना चाहती हूं।” मैं खुश हुआ – मेरी पत्नी इतनी नेक है!
पूजा की रात से मौत का साया
रात के 12 बजे से सुबह 4 बजे तक नीना पूजा करती रही। मैं चुपचाप देखता रहा। लेकिन जब वह सजदा में लंबे समय तक नहीं उठी, तो मैंने पुकारा। कोई जवाब नहीं। पास जाकर छुआ तो शरीर ठंडा पड़ चुका था। नीना मर चुकी थी! परिवार में हंगामा मच गया। मेरी चाची ने इल्जाम लगाया कि मैंने कुछ गलत किया। नीना के माता-पिता आए और लाश ले गए, लेकिन उनका व्यवहार अजीब था – जैसे कुछ छुपा रहे हों।

हम उनके घर पहुंचे, लेकिन वे दरवाजा नहीं खोल रहे थे। आखिरकार खोला तो बोले, “आपने हमारी बेटी को मार डाला!” वहां की रस्मों में औरतें नीना को छूने से डर रही थीं। दो औरतें गईं, लेकिन चीखते हुए बाहर आईं – नीना की लाश पहले से सड़ने लगी थी!
छुपा हुआ राज: महेश का बदला
नीना के माता-पिता रोते हुए बोले – हम गरीब थे। नीना खूबसूरत थी। एक अमीर आदमी महेश उस पर आशिक हो गया। वह उम्र में बड़ा था, लेकिन नीना से शादी की। नीना ने लालच में उसे धीरे-धीरे जहर दिया, ताकि उसकी दौलत मिले। महेश ने सुना और दिल का दौरा पड़ गया। जाते-जाते बोला, “ईश्वर इंसाफ करेगा।”

नीना ने मेरे साथ नई जिंदगी शुरू की, लेकिन पूजा में मौत आ गई। बाद में पता चला, महेश ने नीना को एक जहरीली अंगूठी दी थी – जो पूजा में माथे पर लगाने से जहर फैलाती। नीना की डायरी से राज खुला: महेश ने बदला लिया था। उसकी वसीयत में लिखा था कि अगर नीना एक साल में मर जाए, तो दौलत चैरिटी को।
चाची का झूठ और सच्चाई का सामना
मेरी चाची यह राज छुपा रही थी, क्योंकि उसकी बेटी अरुणा का पति (महेश का भाई) भी बदले की साजिश में मरा। चाची मुझे फंसाना चाहती थी। लेकिन मैंने सब माफ कर दिया। नीना पर तरस आया – लालच ने उसकी जिंदगी तबाह की।

सबक: मोहब्बत और नफरत की ताकत
दोस्तों, यह कहानी बताती है कि पाप की सजा मिलती है। मोहब्बत इंसान को ऊंचा उठाती है, नफरत तबाह कर देती है। मैंने नीना के नाम पर चैरिटी शुरू की, जहां महिलाओं की मदद करता हूं। क्या आपने ऐसी कोई कहानी सुनी है? कमेंट्स में शेयर करें। अगर पसंद आई तो लाइक और शेयर जरूर करें!
धन्यवाद पढ़ने के लिए। अगली पोस्ट में मिलते हैं!