💔 सगाई का दिन: खुशियाँ तोड़ देने वाली
आंचल की माँ और छोटी बहन अम्बिका, घर पहुँचीं।
उनके हाथ में था – एक खूबसूरत लहंगा और मैचिंग ज्वेलरी।
“आंचल, तुम्हारे लिए लहंगा ले आए हैं। देखो, पसंद आ रहा है या नहीं?”
लेकिन आंचल के चेहरे पर खुशी की बजाय, सवाल था।
“ये सबकी अब क्या ज़रूरत है?”
फिर सच सामने आया –
लड़के के पिता ने फ़ोन करके बताया था कि उनका बेटा साहिल , आंचल से शादी नहीं करना चाहता।
और कोई कारण नहीं बताया गया।
💡 आंचल: दुख या राहत?
जब सभी ने इसे एक बड़ा झटका माना, तो आंचल ने एक अजीब राहत महसूस की।
“चलो, अब कुछ दिनों के लिए तो शादी के तनाव से छुटकारा मिल गया।”
अम्बिका ने उसका हौसला बढ़ाया:
“तू इमेजिन भी नहीं कर सकती कि मैं कितनी खुश हूँ। छह महीने मिल गए, मैं एग्ज़ैम क्रैक कर लूंगी और नौकरी भी कर लूंगी।”
लेकिन एक सवाल दोनों के मन में उठा –
“क्या साहिल ने वाकई शादी से इनकार किया? या यह किसी और के लिए हुआ फैसला था?”
🔍 अम्बिका: सच जानने की कोशिश
अम्बिका ने अपनी दोस्त वृंदा से बात की।
वृंदा ने बताया कि साहिल, वृंदा के बुआ का बेटा है – यानी, वह लड़का जिससे वृंदा की लंबे समय तक नज़दीकियाँ थीं।
अम्बिका ने अपनी बहन से कहा:
“मुझे लगता है, वो तुम्हारे साथ शादी करने को तैयार था, लेकिन वृंदा के साथ उसका रिश्ता टूट गया होगा। इसलिए उसने तुमसे शादी करने से मना कर दिया।”
इस बात ने आंचल के दिल को और भी छुआ।
“क्या मेरी शादी भी किसी के लिए एक कम्प्रोमाइज़ थी?”
💥 आंचल का नया रास्ता
घर में शादी की बात फिर से शुरू हो गई।
इस बार, एक नया रिश्ता आया – एक गांव का लड़का , जिसके बारे में कहा गया कि वो बहुत अच्छा है।
लेकिन अम्बिका ने फिर से आंचल को जगाया:
“तुम्हारे सपनों को छोड़कर कोई खुशी नहीं मिलेगी। तुम्हें नौकरी करनी है, पढ़ना है, अपनी ज़िंदगी खुद तय करनी है।”
लेकिन अब आंचल का घर से बाहर निकलना बंद कर दिया गया।
वृंदा के घर जाना भी बंद हो गया।